Bitter truth of bureaucracy

एक सच्चाई आपके सामने रख रहा हूं 13 April 2020 बैसाखी का दिन है।  यह वीडियो आज की ताजा वीडियो है जो किसी सज्जन ने रिकॉर्डिंग कर मुझे भेजी है हमने किसी के साथ कोई मेलजोल नहीं किया सोशल डिस्पेंसिंग का इस्तेमाल करते हुए यह वीडियो बनाई है।
और इसे देखकर अंदाजा लगाओ कि इस गंभीर स्थिति में यहां रहने वाले या इस डंपिंग ग्राउंड के आसपास लगते जितने भी सेक्टर हैं उन लोगों का क्या हाल होता होगा?

जिस तरह से आज पूरा शहर अपने घर में लॉक डाउन है और बाहर निकलने पर भी मास्क लगा रहा है आज पूरे शहर को अंदाजा हो गया होगा कि हम भयंकर बीमारी के डर से आज अपने घरों के अंदर बंद है लेकिन आप अंदाजा लगाओ कि डडू माजरा के लोग पिछले 30 सालों से इसी तरह से अपने घरों में लोग डॉन होते थे जब भी जहरीली हवाएं या बदबूदार हवाएं चलती थी।  उस समय हम अपने घरों में मास्क चुन्नी रुमाल रे दुपट्टे से अपने मुंह को ढकते थे फिर भी बदबू का प्रकोप घरों के अंदर खत्म नहीं होता था हमने अपने बुजुर्गों को इसी बदबू जहरीले वातावरण की वजह से हुई बीमारियों से मरते हुए देखा है। अगर दो छोटी इकट्ठी एक साथ आ जाएं( हॉलीडे) तो हम यह सोचते थे कि किस रिश्तेदार के घर जाएं ताकि कुछ दिन हम स्वच्छ  हवा का आनंद ले सकें।
 कई सालों तक यहां के लोगों ने संघर्ष किया लेकिन यहां के उस समय के प्रशासनिक अधिकारी और ब्यूरोक्रेट का यही कहना होता था कि इसे तो 10 साल हो गए गिरते-गिरते फिर समय बदला तो यह कहना शुरू कर दिया इसे तो 15 साल हो गए गिरते-गिरते फिर समय आया तो बोलने लगे इसे तो 20 साल हो गए कचरे को डंपिंग ग्राउंड डडू माजरा में गिरते-गिरते पुरानी सरकारें चले गए पुराने मुद्दे भी चले गए लेकिन नया प्रशासन व नए प्रशासनिक अधिकारी आए आज भी अगर हम प्रशासन के अधिकारियों को मिलते हैं इसी समस्याओं को लेकर तो उनका यह कहना होता है कि इसे तो 30 साल हो गए 1 दिन में या 2 दिन में खत्म नहीं हो सकता हमारे पास क्या जादू की छड़ी है।
आज भी डंपिंग ग्राउंड या इसके आसपास बसे लोगों की किसी को कोई परवाह नहीं । अधिकारी मौज मस्ती करने आते हैं मौज कर चले जाते हैं हम यहीं पड़े रह जाते हैं इसलिए आज संभलने की जरूरत है क्योंकि इस कोरोना वायरस ने बहुत कुछ सिखा दिया  हमें और आपको अगर अभी भी नहीं समझे तो कब  समझेंगे  ।
क्षमा करना एक उदाहरण बताता हूं अमेरिका में जिन लोगों की कोई पूछ नहीं होती थी या जो छोटे वर्ग के लोग होते थे या जिसका समाज में कोई रुतबा नहीं होता था जो किसी गिनती में नहीं थे उन्हें शहर से अलग एक जगह पर दफना दिया जाता था आज कुदरत का कमाल देखो
कोरोना की वजह से हुई मृत्यु में
उसी जगह पर अमेरिका के बड़े से बड़े रुतबे वाले व्यक्ति को भी दफनाया जा रहा है।

 Dk



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