चंडीगढ़ में नगर निगम की कोई जरूरत नहीं

पार्षद अपने वार्ड के लोगों के लिए। कितने चिंतित हैं 
इस महामारी के चलते। वह सब इन दिनों में देखने को मिल गया।

लगता है यह पार्षद जब पार्किंग के रेट या हाउस टैक्स बढ़ाना हो या पानी के रेट बढ़ाने हो या बिजली के रेट बढ़ाने हो। डंपिंग ग्राउंड की ऊंचाई बढ़ानी हो इन कार्यों में रूचि दिखाने के लिए बने हैं।
वह लोग धन्य हैं जिनके पार्षद उनके वार्ड में काम कर रहे हैं
चंडीगढ़ के लोगों ने 21 तारीख से अब तक यह महसूस किया है कि cobid 19 कोरोना वायरस  के बचाव  में
  हमारा प्रशासन बहुत ही सख्त कदम उठाए हुए हैं
लोगों की जरूरतों का भी ध्यान रखने में दिन-प्रतिदिन उस पर चिंतन कर रहा है हमारे एडवाइजर  मनोज परीदा कभी फेसबुक पर कभी वीडियो मैसेज के जरिए हमें  अपडेट दे रहे हैं इसके साथ साथ अपने सभी डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस भी कर रहे हैं।  अब तो हमारे राज्यपाल वह चंडीगढ़ के सलाहकार और कमिश्नर साहब सहित शहर में मार्केट का जायजा भी ले रहे हैं
 प्रशासक बी.पी. सिंह बदनोर शहर का जायजा लेते 
हुए।

यह सब कार्य चंडीगढ़ शहर के लोगों की भलाई के लिए किए जा रहे हैं वह भी हमारे प्रशासन द्वारा मगर अफसोस की बात तो यह है कि इस दौरान हमारे काउंसलर मेंयर और एम.पी . कहां छुप गए यह किसी को भी नहीं पता।
 हमारे शहर के वार्ड काउंसलर जब उन्हें फोन किया तो कइयों का तो फोन स्विच ऑफ पर लगे हुए थे।
मेरा मानना है कि जब सारे कार्य प्रशासनिक अधिकारी देखते हैं तो चंडीगढ़ में नगर निगम की जरूरत ही नहीं चंडीगढ़ में अपनी एक विधानसभा होनी चाहिए जिसके लिए मैं  एग्री हूं अगर आप भी मेरी इस बात से सहमत हैं तो अपना कमेंट व शेयर करें।DK








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