आज भी कचरा डंपिंग ग्राउंड में ही गिर रहा है।
कचरे के पहाड़ को हटाने के नाम पर नागपुर की कंपनी को 33 करोड़ दे दिया गया। उसके बावजूद भी कचरे का ढेर दिन प्रतिदिन अपना आकार बढ़ाता जा रहा है।
लीचड़ की वजह से। बदबू का आलम आज भी डडू माजरा में बुरी तरह से फैला हुआ हैं। डडू माजरा के लोग इस वजह से निराश हैं क्योंकि उनको यह कहा गया था कि जो यह डंपिंग ग्राउंड मैं कचरे का पर्वत है इससे अब डडू माजरा के लोगों को निजात मिलेगी क्योंकि इसकी वजह से यहां के लोगों के रिश्ते ठुकराए जा रहे हैं बदबू तो एक अलग बात है मगर हुआ कुछ भी नहीं । बेशक बायोमेट्रिक माइनिंग प्लांट लगा दिया गया हो। उसके बावजूद भी कचरा डंपिंग ग्राउंड पर ही गिर रहा है। आज भी कचरे का पहाड़ दिन प्रतिदिन अपने आकार में वृद्धि कर रहा है।
जब माइनिंग प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया था तो उस वक्त कई राजनेता नगर निगम कमिश्नर वह प्रशासक उस उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे सभी लोगों ने अपने भाषण में यही कहा था कि यह डंपिंग ग्राउंड का पर्वत अब डडू माजरा से समाप्त हो जाएगा और लोगों को इसकी बदबू से निजात मिलेगी मगर हुआ उल्टा इस पर्वत की ओर तो ध्यान नहीं दिया गया बल्कि जो सूखा कचरा पहले से ही डंप पड़ा था जिसकी कैपिंग हुई पड़ी थी उस पर 33 करोड़ रुपिया लगा दिया गया
कचरे के पहाड़ को हटाने के नाम पर नागपुर की कंपनी को 33 करोड़ दे दिया गया। उसके बावजूद भी कचरे का ढेर दिन प्रतिदिन अपना आकार बढ़ाता जा रहा है।
लीचड़ की वजह से। बदबू का आलम आज भी डडू माजरा में बुरी तरह से फैला हुआ हैं। डडू माजरा के लोग इस वजह से निराश हैं क्योंकि उनको यह कहा गया था कि जो यह डंपिंग ग्राउंड मैं कचरे का पर्वत है इससे अब डडू माजरा के लोगों को निजात मिलेगी क्योंकि इसकी वजह से यहां के लोगों के रिश्ते ठुकराए जा रहे हैं बदबू तो एक अलग बात है मगर हुआ कुछ भी नहीं । बेशक बायोमेट्रिक माइनिंग प्लांट लगा दिया गया हो। उसके बावजूद भी कचरा डंपिंग ग्राउंड पर ही गिर रहा है। आज भी कचरे का पहाड़ दिन प्रतिदिन अपने आकार में वृद्धि कर रहा है।
जब माइनिंग प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया था तो उस वक्त कई राजनेता नगर निगम कमिश्नर वह प्रशासक उस उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे सभी लोगों ने अपने भाषण में यही कहा था कि यह डंपिंग ग्राउंड का पर्वत अब डडू माजरा से समाप्त हो जाएगा और लोगों को इसकी बदबू से निजात मिलेगी मगर हुआ उल्टा इस पर्वत की ओर तो ध्यान नहीं दिया गया बल्कि जो सूखा कचरा पहले से ही डंप पड़ा था जिसकी कैपिंग हुई पड़ी थी उस पर 33 करोड़ रुपिया लगा दिया गया
जिस कचरे की कैपिंग हुई पड़ी थी उसको खोदने के लिए लगा दिया ₹33 करोड मगर लोगों की समस्या ज्यों की त्यों
4 तारीक की तत्काल सदन की बैठक में पार्षद आपस में विचार-विमर्श कम और राजनैतिक कटाक्ष जायद करते रहे किसी ने भी बैठक में सही मार्गदर्शन नही दिया । और सदन की बैठक में ही किंतु परंतु करते रहे। मगर सवसे अहम बात 33 करोड़ के माइनिंग प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा नही की गई । वह भी कही न कही इस से जुड़ी हुआ था। डडू माजरा वे इसके आस पास के निवासी डंपिंग ग्राउंड से प्रभावित रहते हैं है।
4 मार्च को आनन-फानन में बुलाई गई MCC की बैठक
उद्घाटन के वक्त हम डडू माजरा के लोगों से यह भी कहा गया था कि अब डंपिंग ग्राउंड से रिस कर जो गंदा पानी निकलता है उसे लीचड़ कहते हैं वह अब डंपिंग ग्राउंड से नहीं निकलेगा उसके लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं मगर हुआ कुछ नहीं आज भी डंपिंग ग्राउंड निकल कर आने वाला गंदा जहरीला पानी डंपिंग ग्राउंड की दीवार के आसपास खड़ा रहता है जिसकी दुर्गंध इतनी भयंकर होती है कि सांस लेना भी दुर्लभ हो जाता है
यह है डंपिंग ग्राउंड के पास बनी दीवार में जहरीला पानी
भारी भरकम पीपल का पेड़ सुखा डाला इस गंदे जहरीले पानी ने तो अंदाजा लगाइए यहां रहने वाले लोगों का क्या हाल होता होगा
Comments
Post a Comment