चंडीगढ़ नगर निगम लोगों का मूर्ख बनाने में लगा हुआ है
एक तरफ कह रहा है कि डंपिंग ग्राउंड के कचरे को साफ करने के बाद वहां कचरा नहीं गिराया जाएगा दूसरी ओर उसी डंपिंग ग्राउंड पर सेनेटरी लैंडफिल बनाई जाएगी और साथ में लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।कचरा नहीं गिराया जाएगा। तो सेनेटरी लैंडफिल क्यों?
इन 2 तस्वीरों को ध्यान से देखो
पहली तस्वीर जिसमें प्रतिदिन कचरा गिराया जाता है
दूसरी तस्वीर जो बरसों से कचरा पड़ा है उस पर बायो माइनिंग के साथ खोदकर निकाला जा रहा है
लैंडफिल किसे कहते हैं
जिस जमीन पर कचरा गिराना होता है उस जमीन को पहले कचरा गिराने के लायक बनाया जाता है ताकि उस कचरे की वजह से भूजल दूषित ना हो। इसी प्रक्रिया को लैंडफिल कहते हैं। मगर सेनेटरी लैंडफिल में कुछ अलग तरह का कचरा भी गिराया जाता है।
क्या गाइडलाइन होती है पर्यावरण विभाग की।
नंबर 1 आबादी से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर लैंडफिल होनी चाहिए। दूसरा 200 मीटर के एरिया में कोई नदी तालाब झील आदि नहीं होनी चाहिए। लैंडफिल के आसपास ग्रीनरी वह पेड़ पौधों की संख्या एक जंगल के बराबर होनी चाहिए।
क्या गाइडलाइन होती है पर्यावरण विभाग की।
नंबर 1 आबादी से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर लैंडफिल होनी चाहिए। दूसरा 200 मीटर के एरिया में कोई नदी तालाब झील आदि नहीं होनी चाहिए। लैंडफिल के आसपास ग्रीनरी वह पेड़ पौधों की संख्या एक जंगल के बराबर होनी चाहिए।
अब इस सब को पढ़ने के बाद क्या आप यह नहीं कहेंगे कि चंडीगढ़ नगर निगम हम लोगों की आंखों में धूल झोंक रहा है।
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